हवा का झोंका, आया अनोखा
लाया पत्ते, खुला झरोखा
पत्तों पर थे सुने से नाम
मिला है मुझको अदभुत काम
लाया पत्ते, खुला झरोखा
पत्तों पर थे सुने से नाम
मिला है मुझको अदभुत काम
जीवन में अब कभी कहीं
मिलूँगी मैं जिन लोगों से
नाम हैं उनके जड़े हुए
हीरों से, इन पत्तों पे
पता चल गया पहले से
क्या होगा जब मिलें सभी
खुल गया जो हौले से
रहने दो न राज़ अभी
सबके साथ है घुल जाना
नया परिवार है - पहचाना
अब माँ से मैं नहीं कहूँगी
दूजे घर, नहीं जाना
मुझको वो संसार मिले
सबसे आशीर्वाद मिले
इतना आदर-प्यार मैं दूँ
कि मिलने पर आराम मिले।
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Nice to meet you...