जब होगा सुनसान अँधेरा
जमा हुआ भूतों का डेरा
तो हम भी भूत बन जाएँ
रौशनी करके किसको जगाएँ?
सब तो ठहरे हैं ये कायर
बुलंद आवाज़ कहाँ से लाएँ?
चाहते तो हम भी हैं पर
कमान चढ़ाने किसको बुलाएँ?
देखते हैं हम रोज़ ख़बरों में
घोटाले लिखे हैं, जहां मर्ज़ी
अखबार का पहला पेज
बिकने के लिए बाज़ार बुलाए
हर जगह मिलता है कोहरा
किसी ऊंची इमारत की आखिरी मंज़िल
से नीचे झाँकने पर
लालच तेरा इमान बुलाये
जमे हुए हैं सालों से
लोगों के पैर ढकोसलों में
गिरने पर, उठने की बजाय
इंसान गिर कर अकड़ दिखाए
पापी पेट के लिए तिजोरी
सफ़ल होने की रकम है जोड़ी !
कर्म-धर्म का मार्ग त्यागकर
गर्व से अपनी पहचान बताए।
जमा हुआ भूतों का डेरा
तो हम भी भूत बन जाएँ
रौशनी करके किसको जगाएँ?
सब तो ठहरे हैं ये कायर
बुलंद आवाज़ कहाँ से लाएँ?
चाहते तो हम भी हैं पर
कमान चढ़ाने किसको बुलाएँ?
देखते हैं हम रोज़ ख़बरों में
घोटाले लिखे हैं, जहां मर्ज़ी
अखबार का पहला पेज
बिकने के लिए बाज़ार बुलाए
हर जगह मिलता है कोहरा
किसी ऊंची इमारत की आखिरी मंज़िल
से नीचे झाँकने पर
लालच तेरा इमान बुलाये
जमे हुए हैं सालों से
लोगों के पैर ढकोसलों में
गिरने पर, उठने की बजाय
इंसान गिर कर अकड़ दिखाए
पापी पेट के लिए तिजोरी
सफ़ल होने की रकम है जोड़ी !
कर्म-धर्म का मार्ग त्यागकर
गर्व से अपनी पहचान बताए।
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Nice to meet you...