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Stay Cool

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बात क्या थी.......

Friday, 3 October 2014

कहो , क्या बात है?
नहीं पता? दिन है कि रात है
किस बात कि उलझन है?
उलझन है तो सुलझन है..


कहो कहाँ से आते हो?
किस से बातें करते हो?
बता भी दो न दोस्त तुम
मंन हल्का हो जाएगा


तुम भी मेरे पास रहो
भले कान में ही कहो !
दे  दो  उत्तर  प्रश्नों  को
दूर  कहीं  विहार  करो 


गुपचुप  –  गुमसुम  रहो  नहीं
सीधे  मुँह  रखो, मुडो नहीं 


होठ को तुम  दबाओ  मत
मेरे  समक्ष  इतराओ  मत !


देखो  कहना  मान  भी  लो
ठानो  मत  अब  जान  भी  लो 


अपनी  व्यथा  साथ  बांटो
दुःख – दरिद्रता  को  काटो 


हौले  से  मुस्काओ  तुम
खुद  को  आईना  दिखाओ  तुम 


बुझे  हुए  से  मत  बैठो
गहने  मेरे  मत  फेंको !
तुम  तो  सबसे  प्यारे  हो
माँ  के  निकट  हो, न्यारे  हो 


जब  वो  घर  पर  आएंगी
तुम्हे  देख  कर  रोएंगी
चेहरा  अपना  सही  करो
बात – बात  में  नहीं  मरो 


खट्टा – मीठा  कुछ  तो  लो
आंसू  अपने  बंद  करो 


मुझे  बताते  नहीं, ठीक  है
बात  न  करना  गलत  लीक  है 


साथ  में  मेरे  माँ  भी  हैं
तुम्हें  देख  कर  आधी  हैं
बड़ों  का  तो  तुम  ध्यान  रखो
आँखें  नम  हैं, वजह  कहो 


झूठ  नहीं, सच – सच  कहना
सोने  का  नाटक  मत  करना
चलो  तो  अब  कुछ  बता भी  दो
हल्का  दिल  तुम  प्  भी  लो 


***       ***      ***  


उफ़  ओह !  इतनी  सी  बात
और  जगे  तुम  सारी  रात 


कहीं  बात  कुछ  और  तो  नहीं
आंसू  की  नदियाँ  इस  पर  बहीं !!!
तुम  भी  न, बिलकुल  बच्चे  हो
अक्ल  है, फिर  भी  कच्चे  हो 


कहीं  बात  कुछ  और  भी  है
साथ  तुम्हें  अफ़सोस  भी  है 


बस  भी  करो  और  सो  जाओ
सपनों  में  अब  खो  जाओ ।

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