Pages

Stay Cool

If "Plan A" Didn't Work. The alphabet has 25 more letters ! Stay Cool. It's gonna be awesome.

कुछ बाकी है...

Sunday, 26 July 2015




हो रहा है मन कि मुँह को मैं खोलूँ
आपके सामने अब, सब कुछ बोलूँ
आँखें हैं नम, क्यों समां है सूना - सा
देखलो इधर, तो मैं शब्दों को तोलूँ

लग रहा है होंठों की सिलाई को उधेडूं
प्रीतम के पास बैठ, उसको मै छेड़ूँ
क्या पता, क्या होने को है
अब तो अपने मुंह का ताला मैं तोड़ूँ।

आँखें नहीं कह पाईं हैं आज तक
कहा, पर इकरार तो अब भी बाकी है
आप पर इतना ज़ुल्म किया हमने
क्या कहना, इज़हार तो अभी भी बाकी है।

बेक़रार - से इस दिल में एक तड़प उठती है
छाया बड़ी देर से मिली नहीं
छोड़ दिया है तरकश कहीं तीरों का
कि ऑंखें अब ज़्यादा तकलीफ करतीं नहीं।

आपसे बयाँ करना होगा शब्दों में ही
समझ कर भी नासमझी दिखा रहे हैं
भाषा चाहे कहूँ या न कहूँ
मन की बातों में मुझे क्यों उलझा रहे हैं ?

तारीफें तो मिलती हैं आपसे ही
एक बार बेक़रार तो होकर देखिए
मेरी 'हाँ' का यूँ ही इंतज़ार किया करते हैं
एक बार इज़हार तो कर के देखिए


No comments:

Post a Comment

Nice to meet you...