बचपन की दुनिया से
युवाओं की सृष्टि तक
सफ़र के बाद
गुलाम रौशनी के अंधकार को चीर
जब आये थे वीर
तब वहाँ से आते ही
यहाँ से नए सफ़र पर जाते ही
कहा था उन्होंने
कि शायद वे नहीं आएंगे लौटकर …
चले थे आज़माने अपनी ताकत को वे बेघर
जो उठाए तलवार , वही है निडर
कहते थे नहीं बहा करते दया के आंसू सियासत से
धड़कनें हो जाती हैं शहीदों को न्योछावर …
आज़ादी के नाविक बन कर जा रहे हैं ,
हर अंग्रेज़ दुश्मन को उखाड़ते जा रहे हैं ,
कभी न आए आँच भारत माता पर ,
आशा की वे ज्योति जलाते जा रहे हैं …
गतिमान होकर बही थीं जो खून की नदियाँ ,
अमिट हस्ताक्षर करने में सहायक हैं ,
निश्छल हृदय में उठी जो चिंगारी
शैतान के पैर जमाए रहने में बाधक है …
अग्रसर आज़ादी के जब गुलाब खिले ,
तड़पती ख़ुशी से वे खिलखिलाए ,
कुछ वीरगति को प्राप्त हुए ,
कुछ को हम किताबों में ले आए …
भारत को दिया सब कुछ अपना ,
किया सबने उन्हें सलाम ,
देश ऊँचाइयाँ छूता जाए ,
तारों ने कहा , है हमारा काम …
युवाओं की सृष्टि तक
सफ़र के बाद
गुलाम रौशनी के अंधकार को चीर
जब आये थे वीर
तब वहाँ से आते ही
यहाँ से नए सफ़र पर जाते ही
कहा था उन्होंने
कि शायद वे नहीं आएंगे लौटकर …
चले थे आज़माने अपनी ताकत को वे बेघर
जो उठाए तलवार , वही है निडर
कहते थे नहीं बहा करते दया के आंसू सियासत से
धड़कनें हो जाती हैं शहीदों को न्योछावर …
आज़ादी के नाविक बन कर जा रहे हैं ,
हर अंग्रेज़ दुश्मन को उखाड़ते जा रहे हैं ,
कभी न आए आँच भारत माता पर ,
आशा की वे ज्योति जलाते जा रहे हैं …
गतिमान होकर बही थीं जो खून की नदियाँ ,
अमिट हस्ताक्षर करने में सहायक हैं ,
निश्छल हृदय में उठी जो चिंगारी
शैतान के पैर जमाए रहने में बाधक है …
अग्रसर आज़ादी के जब गुलाब खिले ,
तड़पती ख़ुशी से वे खिलखिलाए ,
कुछ वीरगति को प्राप्त हुए ,
कुछ को हम किताबों में ले आए …
भारत को दिया सब कुछ अपना ,
किया सबने उन्हें सलाम ,
देश ऊँचाइयाँ छूता जाए ,
तारों ने कहा , है हमारा काम …
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Nice to meet you...